Posts

Showing posts from February, 2022

46उद्धवजी की ब्रज यात्रा

 https://youtube.com/shorts/-LRb09Zpq8M?feature=share

45

44

43

42

41

40

39

38अक्रूरजी की ब्रज यात्रा

केशी, व्योमासुर उद्धार

36अरिष्टासुर उद्धार

35 यु गल गीत

34 सुदर्शन, शंख चूड़ उद्धार

33 महारास

पूर्वाषाढ़ा

Image
 समुद्र में बिना कर्णधार की नाव के व्यापारियों की दशा = बिना गुरु के ध्यान करने वाले योगी की दशा= इंद्रियों को जीत कर, अत्यन्त उच्छरंकल मंतुरंग को नियंत्रित करने का प्रयास असफल रहता हैं, बार-बार खेद और निराशा ही हाथ लगती है। गुरु भजन गुरु देव गुरू महिमा- अजन्मा प्रभु! जिन योगियों ने अपनी इंद्रियों और प्राणों को वश में कर लिया है,वह भी, जब गुरुदेव के चरणोंकी शरण न लेकर उच्छरंकल एवं अत्यंत चंचल मन-तुरंगको अपने वशमें करने का प्रयत्न करते हैं, तब अपने साधनों में सफल नहीं होते। उन्हें उन्हें बार-बार खेद और सैकड़ों विपत्तियों का सामना करना पड़ता है, केवल श्रम और दु:ख ही उनके हाथ लगता है।उनकी ठीक वही दशा होती है, जैसी समुद्र में बिना कर्णधार की नाव पर यात्रा करने वाले व्यापारियों की होती है। (तात्पर्य यह कि जो मन को वश में करना चाहते हैं उनके लिए कर्णधार गुरु की अनिवार्य आवश्यकता है।) हरे कृष्णा हरे कृष्णा कृष्णा कृष्णा हरे हरे   गुरूमहिमा Gurumahima  प्रभु पाद श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारी हे नाथ नारायण वासुदेवा। हे नाथ नारायण वासुदेवा हे नाथ नारायण वासुदेवा। कृष्णाय वासुदेवाय हरए परमात्मने,